संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में निर्वाचन हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर 1946 को हुई थी। संविधान सभा। संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में भारत में हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।
भारत का संविधान
FUNDAMENTAL RIGHTS
संविधान के कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद
SN | ||
1 | अनुच्छेद 1 | इस अनुच्छेद के अनुसार भारत ‘राज्यों का स्ंघ’ है। |
2 | अनुच्छेद 3 | इसके अनुसार संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है। |
3 | अनुच्छेद 5 | संविधान के प्रारंभ होने के समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहाँ के नागरिक होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ हो, जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों। |
4 | अनुच्छेद 53 | संविधान के अनुसार इस अनुच्छेद के संघ की कार्यपालिका संबंध शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी। |
5 | अनुच्छेद 64 | उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन अध्यक्ष होगा। Articles of Indian Constitution |
6 | अनुच्छेद 74 | एक मंत्रिपरिषद् होगी, जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री रहेगा, जिसकी सहायता एवं सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति अपने कार्य सम्पन्न करेगा। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् के लिए किसी सलाह के पुनर्विचार को आवश्यक समझ सकता है। इससे संबंधित किसी विवाद की परीक्षा किसी न्यायालय में नहीं की जाएगी। |
7 | अनुच्छेद 76 | राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाएगी। |
8 | अनुच्छेद 78 | प्रधानमंत्री का यह कत्र्तवय होगा कि वह देश के प्रशासनिक एवं विधायी मामलों तथा मंत्रिपरिषद के निर्णयों के संबंध में राष्ट्रपति को सूचना दे, यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सूचना प्राप्त करना आवश्यक समझे। |
9 | अनुच्छेद 86 | इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है। |
10 | अनुच्छेद 108 | यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनो सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान है। |
Articles of Indian Constitution
List of Important Articles in the Indian Constitution
11 | अनुच्छेद 110 | धन विधेयक को इसमें पारिभाषित किया गया है। |
12 | अनुच्छेद 111 | संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है। राष्ट्रपति उस विधेयक को सम्मति प्रदान कर सकता है या अस्वीकृत कर सकता है। वह संदेश के साथ या बिना संदेश के संसद को उस पर पुनर्विचार के लिए भेज सकता है, पर यदि दुबारा विधेयक को संसद द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो वह इसे अस्वीकृत नही करेगा। |
13 | अनुच्छेद 112 | प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट पेश किया जायेगा। |
14 | अनुच्छेद 123 | संसद के अवकाश में राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार। |
15 | अनुच्छेद 124 | इसके अंतर्गत सर्वोच्च् न्यायालय के गठन का वर्णन है। |
16 | अनुच्छेद 129 | सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है। |
17 | अनुच्छेद 148 | नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। |
18 | अनुच्छेद 163 | राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रिपरिषद् एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा, पर राज्यपाल के स्वविवेक संबंधी कार्यों में वह मंत्रिपरिषद के सुझाव लेने के लिए वाध्य नहीं होगा। |
19 | अनुच्छेद 169 | राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उनकी समाप्ति विधान सभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृत से संभव है। |
20 | अनुच्छेद 200 | राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। वह इस पर अपनी सम्मति दे सकता है या इसे अस्वीकृत कर सकता है। वह इस विधेयक कको संदेश के साथ या बिना संदेश के पुनर्विचार हेतु विधायिका को वापस भेज सकता है, पर पुनर्विचार के बाद दुबारा विधेयक आ जाने पर वह इसे अस्वीकृत नहीं कर सकता। इसके अतिरिक्त वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भी भेज सकता है। |
Articles of Indian Constitution
Important Articles of Indian Constitution
21 | अनुच्छेद 213 | राज्य विधायिका के सत्र में नहीं रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है। |
22 | अनुच्छेद 214 | इस अनुच्छेद के अनुसार सभी राज्यों के लिए उच्च् न्यायालय की व्यवस्था होगी। |
23 | अनुच्छेद 226 | मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्च न्यायालय को लेख जारी करने की शक्तियाँ। |
24 | अनुच्छेद 233 | इस अनुच्छेद में जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी। |
25 | अनुच्छेद 235 | उच्च न्यायालय का नियंत्रण अधीनस्थ न्यायालयों पर रहेगा। |
26 | अनुच्छेद 239 | केन्द्र शासित प्रदेशों को प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा। वह यदि उचित समझे तो बगल के किसी राज्य के राज्यपाल को इसके प्रशासन का दायित्व सौंप सकता है या एक प्रशासक की नियुक्ति कर सकता है। |
27 | अनुच्छेद 245 | संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिए तथा राज्य विधानपालिका अपने राज्य या इसके किसी हिस्से के लिए कानून बना सकती है। |
28 | अनुच्छेद 248 | विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में निहित है। |
29 | अनुच्छेद 249 | राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर लोक सभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है, यदि वह इसे राष्ट्रहित में आवश्यक समझे। |
30 | अनुच्छेद 262 | अंतरराज्यीय नदियों या नदी- घाटियों के जल के वितरण एवं नियंत्रण से संबंधित विवादों के लिए संसद विधि द्वारा निर्णय कर सकती है। |
31 | अनुच्छेद 263 | केन्द्र राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से राष्ट्रपति एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना कर सकता है। |
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Constitution of India
32 | अनुच्छेद 266 | भारत की संचित निधि, जिसमें सरकार की सभी मौद्रिक अविष्टियाँ एकत्र रहेंगी, विधि- सम्मत प्रक्रिया के बिना इससे कोई भी राषि नहीं निकाली जा सकती है। |
33 | अनुच्छेद 267 | संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि स्थापित कर सकती है, जिसमें अकस्मात उत्पन्न् परिस्थितियों के लिए राशि की जाएगा । |
34 | अनुच्छेद 275 | केन्द्र द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। |
35 | अनुच्छेद 280 | राष्ट्रपति हर पाँचवें वर्ष एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा, जिसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होंगे तथा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र एवं राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंसा करेगा। |
36 | अनुच्छेद 300 क | राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा। पहले या प्रावधान मूल अधिकारों के अंतर्गत था, पर संविधान के 44 वें संशोधन , 1978 ई0 द्वारा इसे अनुच्छेद 300 (क) में एक सामान्य वैधानिक (कानूनी ) अधिकार के हरूप में अवस्थित किया गया। |
37 | अनुच्छेद 312 | राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है। |
38 | अनुच्छेद 315 | संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी। |
39 | अनुच्छेद 324 | चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियाँ चुनाव आयोग में निहित रहेंगी। |
40 | अनुच्छेद 326 | लोक सभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा। |
Articles of Indian Constitution
Useful Articles
41 | अनुच्छेद 331 | आँग्ला-भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति द्वारा लोक सभा में मनोनयन संभव है, यदि वह समझे कि उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है। |
42 | अनुच्छेद 332 | अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान। |
43 | अनुच्छेद 333 | आँग्ल-भारतीय समुदाय के लोगों का विधान सभाओं में मनोनयन। |
44 | अनुच्छेद 335 | अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान। |
45 | अनुच्छेद 343 | संघ की अधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखि गई ‘ हिन्दी’ होगी। |
46 | अनुच्छेद 347 | यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में लोग किसी भाषा को बोलते हों और उनकी आकांक्षा हो कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को मान्यता दी जाए तो इसकी अनुमति राष्ट्रपति दे सकता है। |
47 | अनुच्छेद 351 | यह संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार एवं उत्थान करे ताकि वह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी अंगों के लिए अभिव्यक्ति का माध्यम बने। |
48 | अनुच्छेद 352 | राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषण, यदि वह समझता हो कि भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध , बाहा आक्रमण या सैन्य विद्रोह के फलस्वरूप खतरे में है। |
49 | अनुच्छेद 356 | यदि किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दी जाए कि उस राज्य में संवैधानिक तंत्र असफल हो गया है तो वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। |
50 | अनुच्छेद 360 | यदि राष्ट्रपति यह समझता है कि भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता एवं साख खतरे में है तो वह वित्तीय आपात स्थिति की घोषणा कर सकता है। |
Articles of Indian Constitution
THE CONSTITUTION OF INDIA
51 | अनुच्छेद 365 | यदि कोई राज्य केन्द्र द्वारा भेजे गए किसी कार्यकारी निर्देश का पालन करने में असफल रहता है तो राष्ट्रपति द्वारा यह समझा जाना विधि-सम्मत होगा कि उस राज्य में संविधान तंत्र के अनुरूप प्रशासन चलने की स्थिति नहीं है और वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। |
52 | अनुच्छेद 368 | संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है। |
53 | अनुच्छेद 370 | इसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है। |
54 | अनुच्छेद 371 | कुछ राज्यों के विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति बोर्ड स्थापित कर सकता है, जैसे- महाराष्ट्र, गुजरात, नगालैंड, मणिपुर इत्यादि। |
55 | अनुच्छेद 394 क | राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत इस संविधान का हिन्दी भाषा में अनुवाद कराएगा। |
56 | अनुच्छेद 395 | भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को, जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहाँ रद्द किया जाता है। |
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