Important Amendments of Indian Constitution
S.N | प्रमुख संशोधन |
1 | पहला संशोधन(1951 ई0):- इस संशोधन में स्वतंत्रता, समानता एवं सम्पत्ति के मौलिक अधिकारो को लागू किए जाने सम्बन्धी कठिनाईयो को दूर करने का प्रयास किया गया। भाषण एवं अभिव्यक्ति के मूल अधिकारों पर इसमें उचित व्यवस्था की गयी, साथ ही इस संशोधन में संविधान की नौवी अनुसूची को जोडा गया है, जिसमें उल्लखित कानूनों को सर्वोच्य न्यायालय के न्यायिक पुनिर्विलोकन की शक्तियों के अन्तर्गत परीक्षा नही की जा सकती हैं। |
2 | दूसरा संशोधन ( 1952 ई0 ) :- के अंतर्गत 1951 ई0 की जनगणना के आधार पर लोक सभा में प्रतिनिधित्व को पुनव्र्यवस्थित किया गया। |
3 | तीसरा संशोधन ( 1954 ई0): – इस संशोधन में सातवी अनुसूची को समवर्ती सूची की तैंतीसवीं प्रविष्टि के स्थान पर खाद्यान्न, पशुओं के लिए चारा, कच्चा कपास, जूट आदि को रखा गया, जिसके उत्पादन एवं आपूर्ति को लोकहित में समझने पर सरकार उस पर नियंत्रण लगा सकती है। |
4 | चैथा संशोधन ( 1955 ई0 ):- व्यक्तिगत संपत्ति केा लोकहित में राज्य द्वारा हस्तगत किए जाने की स्थिति में, न्यायालय इसकी क्षतिपूर्ण के संबंध में परीक्षा नहीं कर सकती। |
5 | छठा संशोधन ( 1956 ई0):- इसके द्वारा सातवीं अनुसूची के संघ सूची में परिवर्तन कर अंतरराज्यीय बिक्री कर के अंतर्गत कुछ वस्तुओं पर केन्द्र को कर लगाने का अधिकार दिया गया। |
Major Amendments of Indian Constitution
S.N | प्रमुख संशोधन |
6 | सातवाँ संशोधन (1956 ई0):- इस संशोधन में भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया, जिसमें पहले के तीन श्रेणियों में राज्यों के वर्गीकरण को समाप्त करते हुए राज्यचों एवं केन्द्र शासति प्रदेशों में उन्हे विभाजित किया गया है। इनके अनुरूप केन्द्र एवं राज्य की विधान पालिकाओं में सीटों को पुनव्र्यवस्थित किया गया। |
7 | आठवाँ संशोधन ( 1956 ई0 ):- इस संशोधन के अनुसार केन्द्र एवं राज्यों के निम्न सदनों में अनुसूचित जाति, अनुसूचति जनजाति एवं आँग्ल-भारतीय समुदायों के आरक्षण संबंधी प्रावधानों को दस वर्षों केलिए अर्थात् 1970 ई0 तक बढ़ा दिया गया। |
8 | नौवाँ संशोधन ( 1960 ई0):- इसके द्वारा संविधान की प्रथम अनुसूची में परिवर्तन करके भारत और पाकिस्तान के बीच 1958 की संधि की शर्तों के अनुसार बेरूबारी, खुलना आदि क्षेत्र पाकिस्तान को दे दिए गए। |
9 | दसवाँ संशोधन (1961 ई0 ):-भूतपूर्व पुर्तगाली अंतः क्षेत्रों-दादर एवं नगर हवेली को भारत में शामिल कर उन्हें केंन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया। |
10 | ग्यारहवाँ संशोधन ( 1961 ई0):- इसके अनुसार उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के प्रावधानों में परिवर्तन कर, इस संदर्भ में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को बुलाया गया। साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि निर्वाचक मंडल में पद की रिक्तता के आधार पर राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को चुनौती नहीं दी जा सकती। |
List Of Amendment In Indian Constitution
S.N | प्रमुख संशोधन |
11 | बारहवाँ संशोधन (1962 ई0):- इस संशोधन के अनुसार संविधान की प्रथम अनुसूची में संशोधन कर गोवा, दमण एवं दीव को भारत में केंद्रशासित प्रदेश के रूप में शामिल कर लिया गया। |
12 | तेरहवाँ संशोधन (1962 ई0):- तेहरवें संशोधन के अनुसार नगालैंड के संबंध में विशेष प्रावधान अपनाकर उसे एक राज्य का दर्जा दे दिया गया। |
13 | चैादहवाँ संशोधन ( 1963 ई0):- इस संशोधन के द्वारा केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुदुचेरी को भारत में शामिल किया गया। साथ ही, इसके द्वारा हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, गोवा, दमण और दीव तथा पुदुचेरी केंद्र शासित प्रदेशों में विधान पालिका एवं मंत्रिपरिषद की स्थापना की गई। |
14 | पंद्रहवाँ संशोधन ( 1963 ई0):- इसके अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवामुक्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई तथा अवकाश प्राप्त न्यायाधीशों की उच्च न्यायालय में नियुक्ति से संबंधित प्रावधान बनाए गए। |
15 | सोलहवाँ संशोधन ( 1963 ई0):- इसके अनुसाार देश की संप्रभुता एवं अखंडता के हित में मूल अधिकरों पर कुछ प्रतिबंध लगाने के प्रावधान रखे गए। साथ ही तीसरी अनुसूची में भी परिवर्तन कर शपथ ग्रहण के अंतर्गत ‘मैं भारत की स्वतंत्रता एवं अखण्डता को बनाए रखूंगा’ जोड़ा गया। |
16 | सत्रहवाँ संशोधन (1964 ई0):- इसके द्वारा संपत्ति के अधिकरों में और भी संशोधन करते हुए कुछ अन्य भूमि सुधार प्रावधानों को नौवीं अनुसूची में रखा गया, जिनकी वैधता की परीक्षा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं की जा सकती थी। |
17 | अठारहवाँ संशोधन (1966 ई0):- इस संविधान के अनुसार पंजाब का भाषायी आधार पर पुनर्गठन करते हुए पंजाबी भाषी क्षेत्र को पंजाब एवं हिन्दी भाषी क्षेत्र को हरियाणा के रूप में गठित किया गया। पर्वतीय क्षेत्र हिमाचल प्रदेश को दे दिए तथा चंडीगढ़ को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया। |
Constitution of India
S.N | प्रमुख संशोधन |
18 | उन्नीसवाँ संशोधन (1996 ई0):-चुनाव आयोग के अधिकारों में परिवर्तन किया गया एवं उच्च न्यायालयों को चुनाव याचिकाएँ सुनने का अधिकार दिया गया। |
19 | बीसवाँ संशोधन (1966 ई0):- अनियमितता के आधार पर नियुक्ति कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति को वैधता प्रदान की गई। |
20 | इक्कीसवाँ संशोधन (1967ई0):- इसके द्वारा सिंधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची के अंतर्गत पंद्रहवीं भाषा के रूप के शामिल किया गया। |
21 | बाईसवाँ संशोधन ( 1969 ई0):- इस संशोधन द्वारा असम से अलग करके एक नया राज्य मेघालय बनाया गया। |
22 | तेईसवाँ संशोधन (1969ई0):- पालिकाओं में अनु0 एवं अनु0जनजाति के आरक्षण एवं आँग्ल- भारतीय समुदाय के लोगों का मनोनयन और दस वर्शों के लिए बढ़ा दिया गया। |
23 | चैबीसवाँ संशोधन (1971 ई0):- इस संविधान के अनुसार संसद की इस शक्ति को स्पष्ट किया गया कि वह संविधान के किसी भी भाग को, जिसमें भाग तीन के अंतर्गत आने वाले मूल अधिकार भी हैं, संशोधित कर सकती है। यह भी निर्धारित किया गया कि संशोधन संबंधी विधेयक जब दोनों सदनों से पारित होकर राष्ट्रपति के समक्ष जाएगा तो इस पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मति दिया जाना बाध्यकारी होगा। |
24 | छब्बीसवाँ संशोधन (1971 ई0):- भूतपूर्व देशी राज्यों के शासकों की विशेष उपाधियों एवं उनके प्रिवी-पर्स को समाप्त कर दिया गया। |
25 | सत्ताईसवाँ संशोधन (1971 ई0):- मिजोरम एवं अरूणाचल प्रदेश को केन्द्र शासित प्रदेशों के रूप में स्थापित किया गया। |
26 | उनतीसवाँ संशोधन (1972 ई0)ः- केरल भू-सुधार अधिनियम, 1969 तथा भू-सुधार अधिनियम, 1971 को संविधान की नौवीं अनुसूची दिया गया |
samvidhan sanshodhan
S.N | प्रमुख संशोधन |
27 | इकतीसवाँ संशोधन (1973 ई0):- लोक सभा के सदस्यों की संख्या 525 से 545 कर दी गई तथा केन्द्र शासित प्रदेशों का का प्रतिनिधित्व 25 से घटाकर 20 कर दिया। |
28 | बत्तीसवाँ संशोधन (1974 ई0):- इस संविधान द्वारा संसद एवं विधान पालिकाओं के सदस्यों द्वारा दबाव में या जबरदस्ती किए जाने पर इस्तीफा देना अवैध घोषित किया गया एंव अध्यक्ष को यह अधिकार दिया गया कि वह सिर्फ स्वेच्छा से दिए गए एवं उचित त्यागपत्र केा ही स्वीकार करे। |
29 | चैातीसवाँ संशोधन (1974ई0):- विभिन्न राज्यों द्वारा पारित बीस भू- सुधाार अधिनियमों को नौवीं अनुसूची में प्रवेश देते हुए उन्हें न्यायालय द्वारा संवैधानिक वैधता के परीक्षण से मुक्त किया गया। |
30 | पैंतीसवाँ संशोधन (1974 ई0):- सिक्किम का संरक्षित राज्यों का दर्जा समाप्त कर उसे सम्बद्ध राज्य के रूप में भारत में प्रवेश दिया गया। |
31 | छत्तीसवाँ संशोधन (1975ई0):- इसके तहत सिक्क्मि को भारत का बाईसवाँ राज्य बनाया गया। |
32 | सैंतीसवाँ संशोधन (1975ई0):- इस संशोधन में आपात स्थित की घोषणा और राष्ट्रपति राज्यपाल एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रधानों प्रशासनिक प्रधानों द्वारा अध्यादेश जारी किए जाने को अविवादित बनाते हुए न्यायिक पुनर्विचार से उन्हें मुक्त रखा गया। |
33 | उनतालीसवाँ संशोधन (1975ई0):- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं लोक सभाध्यक्ष के निर्वाचन संबंधी विवादों को न्यायिक परीक्षण से मुक्त कर दिया गया। |
34 | इकतालीसवाँ संशोधन (1976ई0):- इसके द्वारा राज्य लोकसेवा आयोग के सदस्यों की सेवा मुक्ति की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई, पर संद्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सेवा-निवृत्ति की अधिकतम आयु 65 वर्ष रहने दी गई। |
Amendments of the Constitution
SN | प्रमुख संशोधन |
35 | बयालीसवाँ संशोधन (1976 ई0):- इसके द्वारा संविधान में व्यापक परिवर्तन लाए गए, जिसमें से मुख्य निम्नलिखित थे- ( क) संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ धर्मनिरपेक्ष एवं एकता और अखण्डता आदि शब्द जोड़े गए। (ख) सभी नीति- निर्देशक सिद्धान्तों को मूल अधिकारों पर सर्वोच्चता सुनिश्चित की गई। (ग) इसके अंतर्गत संविधान में दस मौलिक कत्र्तव्यों को अनुच्छेद 51 (क), (भाग- इव क ) के अंतर्गत जोड़ा गया। (घ) इसके द्वारा संविधान को न्यायिक परीक्षण से मुक्त किया गया। (ड़) लोक सभा एवं विधान सभाओं की अवधि को पाँच से छह वर्ष कर दिया गया। (च) इसके अंतर्गत निर्धारित किया गया कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् एंव उसके प्रमुख प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार कार्य करेगा। (ज) इसने संसद को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए कानून बनाने के अधिकार दिए एवं सर्वोच्चता स्थापित की। |
36 | चैावालीसवाँ संशोधन (1978 ई0):-इसके संविधान के अनुसार राष्ट्रीय आपात स्थिति लागू करने के लिए ‘आंतरिक अशांति’ के स्थान पर ‘सैन्य विद्रोह’ का आधार रखा गया एवं आपात स्थिति संबंधी अन्य प्रावधानों में परिवर्तन लाया गया, जिससे उनका दुरूपयोग न हो। इसके द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों के भाग से हटा कर विधिक (कानूनी) अधिकारों की श्रेणी में रख दिया गया। लोक सभा तथा राज्य विधान सभाओं की अवधि 6 वर्ष से घटाकर पुनः 5 वर्ष कर दी गई। उच्च्तम न्यायालय को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी विवाद को हल करने की अधिकारिता प्रदान की गईं । |
Amendments of Indian Constitution
S.N | प्रमुख संशोधन |
36 | चैावालीसवाँ संशोधन (1978 ई0):- इसके संविधान के अनुसार राष्ट्रीय आपात स्थिति लागू करने के लिए ‘आंतरिक अशांति’ के स्थान पर ‘सैन्य विद्रोह’ का आधार रखा गया एवं आपात स्थिति संबंधी अन्य प्रावधानों में परिवर्तन लाया गया, जिससे उनका दुरूपयोग न हो। इसके द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों के भाग से हटा कर विधिक (कानूनी) अधिकारों की श्रेणी में रख दिया गया। लोक सभा तथा राज्य विधान सभाओं की अवधि 6 वर्ष से घटाकर पुनः 5 वर्ष कर दी गई। उच्च्तम न्यायालय को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी विवाद को हल करने की अधिकारिता प्रदान की गईं । |
37 | पचासवाँ संशोधन (1984ई0):- इस संविधान में अनुच्छेद 33 में संशोधन कर सैन्य सेवाओं की पूरक सेवाओं में कार्य करने वालों के लिए आवश्यक सूचनाएँ एकत्रित करने, देश की संपत्ति की रक्षा करने और कानून तथा व्यवस्था से संबंधित दायित्व भी दिए गए। साथ ही, इन सेवाओं द्वारा उचित कर्तव्यपालन हेतु संसद को कानून बनाने के अधिकार भी दिए गए। |
38 | बावनवाँ संशोधन (1985ई0):- इस संशोधन के द्वारा राजनीतिक दल-बदल पर अंकुश लगाने का लक्ष्य रखा गया। इसके अंतर्गत संसद या विधान मंडलों के उन सदस्यों को अयोगय घोषित कर दिया जाएगा, जो उस दल को छोड़ते है जिसके चुनाव-चिन्ह पर उन्होनें चुनाव लड़ा था। दल बदल विरोधी इन प्रावधानों को संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत रखा गया। |
39 | तिरपनवाँ संशोधन( 1986 ई0):- अनुच्छेद 371 में खंड ‘जी’ जोड़कर मिजोरम को राज्य का दर्जा दिया गया। |
40 | चैावनवाँ संशोधन ( 1986 ई0):- संविधान की दूसरी अनुसूची के भाग ‘डी’ में संशोधन कर न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि का अधिकार संसद को दिया गया। |
THE CONSTITUTION (AMENDMENT) ACTS
S.N | प्रमुख संशोधन |
41 | पचपनवाँ संशोधन (1986ई0 ):- इसके अंतर्गत अरूणाचल प्रदेश को राज्य बनाया गया। |
42 | छप्पनवाँ संशोधन (1987 ई0):- गोवा को एक राज्य का दर्जा दिया गया तथा दमण और दीव को केन्द्रशासित प्रदेश के रूप में ही रहने दिया गया । |
43 | सत्तावनवाँ संशोधन (1987ई0):- अनुसूचति जनजातियों के आरक्षण के संबंध में मेघालय, मिजोरम, नगालैण्ड एवं अरूणाचल प्रदेश की विधान सभा सीटों का परिसीमन इस शताब्दी के अंत तक के लिए किया गया। |
44 | अट्ठावनवाँ संशोधन (1987ई0):- राष्ट्रपति को संविधान का प्रामाणिक हिन्दी संस्करण प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया गया। |
45 | साठवाँ संशोधन (1988 ई):- व्यवसाय कर की सीमा 250 रू0 से बढ़ाकर 2500 रू0 प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष कर दी गई। |
46 | इकसठवाँ संशोधन (1989 ई0):- इसके अनुसार मतदान के लिए आयु-सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 लाने का प्रस्ताव था। |
47 | पैंसठवाँ संशोधन (1990 ई0):- अनुच्छेद 338 में संशोधन करके अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयोग के गठन की व्यवस्था की गई है। |
48 | उनहत्तरवाँ संशोधन (1992 ई0):- दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनाया गया तथा दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के लिए विधान सभा और मंत्रिपरिषद् का उपबंध किया गया। |
49 | सत्तारवाँ संशोधन (1992 ई0):- दिल्ली और पुदुचेरी संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं के सदस्यों को राष्ट्रपति के लिए निर्वाचक मंडल में सम्मिलित किया गया। |
50 | इकहत्तरवाँ संशोधन (1992 ई0):- आठवीं अनुसूची में कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषा को सम्मिलित किया गया। |
51 | तिहत्तरवाँ संशोधन (1992-93 ई0):- संविधान में ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गयी। इसके पंचायती राज संबंधी प्रावधानों केा सम्मिलित किया गया है। |
52 | चैहत्तरवाँ संशोधन (1993 ई0):- संविधान में बारहवीं अनुसूची शामिल की गयी, जिसमें नगरपालिका , नगर निगम और नगर-परिषदों से संबंधित प्रावधान किये गये है। |
Amendments of Indian Constitution
SN | प्रमुख संशोधन |
53 | छहत्तरवाँ संशोधन (1994ई0):- इस संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान की 9वीं अनुसूची में संशोधन किया गया है और तमिलनाडु सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में 69 प्रतिशत आरक्षण का उपबन्ध करने वाली अधिनियम को नवीं अनुसूची में शामिल कर दिया गया है। |
54 | अठहत्तरवाँ संशोधन (1995ई0)ः- नवीं अनुसूची में विभिन्न् राज्यों द्वारा पारित 27 भूमि सुधार विधियों को समाविष्ट किया गया है। सम्मिलित अधिनियमों की कुल संख्या 284 हो गयी है। |
55 | उन्नीसवाँ संशोधन (1999ई0):- अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जन-जातियों के लिए आरक्षण की अवधि 25 जनवरी 2010 ई0 तक के लिए बढ़ा दी गई है। इस संशोधन के माध्यम से व्यवस्था की गई कि अब राज्यों को प्रत्यक्ष केन्द्रीय करों से प्राप्त कुल धनराषि का 29 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। |
56 | बेरासीवाँ संशोधन (2000 ई0):- इस संशोधन के द्वारा राज्यों को सरकारी नौकरियों में आरक्षित रिक्त स्थानों की भर्ती हेतु प्रोन्नति के मामलों में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई है। |
57 | तिरासीवाँ संशोधन (2000ई0):- इसके द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण का प्रावधान न करने की छूट प्रदान की गई है। अरूणाचल प्रदेश में कोई भी अनुसूचति जाति न होने के कारण उसे यह छूट प्रदान की गई है। |
58 | चोैरासीवाँ संशोधन (2001 ई0):- अधिनियम द्वारा लोक सभा तथा विधान सभाओं की सीटों की संख्या में वर्ष 2026 तक कोई परिवर्तन न करने का प्रावधान किया गया है। |
59 | पचासीवाँ संशोधन (2001 ई0):- सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति/ जनजाति के अभ्यार्थियों के लिए पदोन्नतियों में आरक्षण की व्यवस्था। |
Important Amendments PDF
SN | प्रमुख संशोधन |
60 | छियासीवाँ संशोधन (2002 ई0):- इस संशोधन अधिनियम द्वारा देश के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने संबंधी प्रावधान किया गया है, इसे अनुच्छेद 21 (क) के अन्तर्गत संविधान जोड़ा गया है। इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 45 तथा अनुच्छेद 51 (क) में संशोधन किए जाने का प्रावधान है। |
61 | सतासीवाँ संशोधन (2003 ई0):- परिसीमन में जनसंख्या का आधार 1991 की जनगणना के स्थान पर 2001 कर दी गई है। |
62 | अठासीवाँ संशोधन (2003 ई0):- सेवाओं पर कर का प्रावधान । |
63 | नवासीवाँ संशोधन (2003 ई0)ः- अनुसूचित जनजाति के लिए पृथक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की व्यवस्था। |
64 | नब्बेवाँ संशोधन (2003 ई0 )ः- असम विधान सभा में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व बरकरार रखते हुए बोडोलैंड, टेरीटोरिल कौंसिल क्षेत्र, गैर जनजाति के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा। |
Major Constitutional Amendment
65 | इक्कानवाँ संशोधन (2003 ई0)ः- दल बदल व्यवस्था में संशोधन, केवल सम्पूर्ण दल के विलय को मान्यता, केन्द्र तथा राज्य में मंत्रिपरिषद् के सदस्य संख्या क्रमशः लोक सभा तथा विधान सभा की सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत होगा (जहाँ सदन की सदस्य संख्या 40-40 है, वहाँ अधिकतम 12 होगी।) |
66 | बानवाँ संशोधन (2003ई0):- संविधान की आठवीं अनुसूची में बोडो, डोगरी मैथिली संथाल भाषाओं का समावेश। |
67 | तीरनवाँ संशोधन (2006 ई0)ः- शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित/ जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के नागरिकों के दाखिले के लिए सीटों के आरक्षण की व्यवस्था, संविधान के अनुच्छेद 15 की धारा 4 के प्रावधानों के तहत की गई है। |
An amendment of the constitution refers to a formal modification or change made to the written text of a constitution. | |
Constitutional amendments are of utmost importance as they play a significant role in shaping the legal and political landscape of a country. Through amendments, a constitution can reflect the evolving values, aspirations, and social dynamics of the society it governs. |